Traditional Agriculture Development Scheme 2025: किसानों के लिए एक नई उम्मीद

भारत सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने और जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से परंपरागत कृषि विकास योजना (Paramparagat Krishi Vikas Yojana – PKVY) का शुभारंभ किया है। यह योजना किसानों को रसायन-मुक्त खेती अपनाने और मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करती है। इस लेख में हम इस योजना के लाभ, पात्रता, आवेदन प्रक्रिया और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

Objective Of The Scheme

परंपरागत कृषि विकास योजना का मुख्य उद्देश्य जैविक खेती को बढ़ावा देना और किसानों की आय में वृद्धि करना है। इसके तहत निम्नलिखित लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं:

  • मिट्टी की उर्वरता में सुधार: जैविक खेती के माध्यम से मिट्टी की गुणवत्ता और स्वास्थ्य में सुधार किया जाएगा।
  • रसायन रहित उत्पादन: किसानों को रसायन और कीटनाशक रहित पौष्टिक कृषि उत्पाद उगाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
  • पर्यावरण संरक्षण: पारंपरिक तकनीकों का उपयोग कर पर्यावरण को हानिकारक रसायनों से बचाया जाएगा।
  • किसानों का सशक्तिकरण: समूहों और क्लस्टर्स के रूप में संगठित होकर किसान उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और प्रमाणन प्रबंधन को स्वयं संभाल सकेंगे।

Benefits Of The Scheme

इस योजना से किसानों को कई लाभ मिलेंगे, जिनमें प्रमुख हैं:

  1. जैविक खेती का प्रोत्साहन: रसायन-मुक्त खेती अपनाने वाले किसानों को आर्थिक सहायता मिलेगी।
  2. मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार: जैविक खेती से मिट्टी की उर्वरता बनी रहेगी।
  3. आय में वृद्धि: खेती की लागत कम होने और उत्पादों की गुणवत्ता बेहतर होने से किसानों की आय बढ़ेगी।
  4. प्रत्यक्ष बाजार संपर्क: किसानों को स्थानीय और राष्ट्रीय बाजारों से जोड़ा जाएगा।
  5. सतत कृषि प्रणाली: यह योजना टिकाऊ कृषि प्रणालियों को बढ़ावा देती है, जिससे दीर्घकालिक लाभ सुनिश्चित होता है।

Eligibility Criteria

इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान निम्नलिखित पात्रता शर्तें पूरी करें:

  • आवेदक भारत का मूल निवासी होना चाहिए।
  • केवल किसान ही आवेदन कर सकते हैं।
  • न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष है।
  • किसान के पास अधिकतम 2 हेक्टेयर तक कृषि भूमि होनी चाहिए।

Required Documents

योजना में आवेदन करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ आवश्यक हैं:

  • आधार कार्ड
  • भूमि दस्तावेज़
  • जाति प्रमाण पत्र (SC/ST/OBC के लिए)
  • बैंक खाता पासबुक
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट)
  • ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर

Application Process

परंपरागत कृषि विकास योजना में आवेदन करने की प्रक्रिया सरल और ऑफलाइन है। नीचे दिए गए चरणों का पालन करें:

  1. अपने राज्य के संबंधित विभाग या कार्यालय में जाएं।
  2. वहां से “Paramparagat Krishi Vikas Yojana Application Form” प्राप्त करें।
  3. फॉर्म को ध्यानपूर्वक भरें और सभी आवश्यक दस्तावेज़ अटैच करें।
  4. भरे हुए फॉर्म को संबंधित अधिकारी को जमा करें और रसीद प्राप्त करें।

Financial Structure Of The Scheme

इस योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकारें 60:40 अनुपात में वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं। पूर्वोत्तर राज्यों और हिमालयी क्षेत्रों के लिए यह अनुपात 90:10 है, जबकि केंद्र शासित प्रदेशों में 100% सहायता केंद्र सरकार द्वारा दी जाती है।

Technical Support

योजना के तहत भारतीय सार्वजनिक कृषि अनुसंधान प्रणाली (ICAR) के विशेषज्ञों की सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। इससे किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन मिलता है, जिससे वे जैविक खेती कुशलतापूर्वक कर सकें।

Future Plans

सरकार ने इस योजना के तहत 2025-26 तक अतिरिक्त 6 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को जैविक खेती के अंतर्गत लाने का लक्ष्य रखा है। इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण होगा बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा भी मजबूत होगी।

सारांश

परंपरागत कृषि विकास योजना 2025 भारतीय कृषि क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है। यह न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने का प्रयास करती है बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास को भी बढ़ावा देती है। यदि आप किसान हैं और अपनी खेती को रसायन-मुक्त बनाना चाहते हैं, तो इस योजना का हिस्सा बनें। इससे न केवल आपकी आय बढ़ेगी बल्कि देश की कृषि प्रणाली भी मजबूत होगी।

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