Nano Fertilizer Subsidy Scheme : किसानों के लिए एक नई क्रांति
किसानों की लागत घटाने और पर्यावरण अनुकूल खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने “नैनो उर्वरक सब्सिडी योजना 2024” (AGR-2 योजना) की शुरुआत की है। इस योजना का शुभारंभ केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 6 जुलाई 2024 को किया। यह कदम भारतीय कृषि क्षेत्र में एक नई क्रांति लाने का प्रयास है, जिसमें खेती की उत्पादकता बढ़ाने और रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करने पर जोर दिया गया है।
Kya Hai Nano Fertilizer Subsidy Subsidy?
“नैनो उर्वरक सब्सिडी योजना” का मुख्य उद्देश्य किसानों को नैनो डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) और नैनो यूरिया प्लस जैसे तरल उर्वरकों पर 50% तक की सब्सिडी प्रदान करना है। इन नैनो उर्वरकों को नैनो टेक्नोलॉजी के माध्यम से तैयार किया गया है, जो पारंपरिक रासायनिक खादों का एक बेहतर और पर्यावरण-अनुकूल विकल्प हैं।
इस योजना के तहत:
- 413 जिलों में नैनो डीएपी के 1,270 प्रदर्शन और
- 100 जिलों में नैनो यूरिया प्लस के 200 परीक्षण आयोजित किए जाएंगे।
यह पहल न केवल मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने में मदद करेगी, बल्कि जैविक खेती को भी बढ़ावा देगी।
Yojana के लाभ
इस योजना से किसानों को निम्नलिखित लाभ मिलेंगे:
- 50% सब्सिडी: किसानों को नैनो उर्वरकों पर आधी कीमत में यह उत्पाद मिलेगा।
- पर्यावरण संरक्षण: रासायनिक खादों की जगह नैनो उर्वरकों का उपयोग मिट्टी और पर्यावरण दोनों के लिए बेहतर होगा।
- आसान परिवहन: नैनो उर्वरक तरल रूप में होते हैं। आधा किलो नैनो यूरिया, 45 किलो यूरिया बैग के बराबर पोषक तत्व प्रदान करता है। इसे ले जाना आसान है।
- मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार: पारंपरिक रासायनिक खादों से मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी हो जाती थी। नैनो उर्वरक इस समस्या को हल करेंगे।
- खर्च में कमी: किसानों की खेती लागत कम होगी क्योंकि उन्हें अधिक मात्रा में रासायनिक खाद खरीदने की जरूरत नहीं होगी।
पात्रता और आवेदन प्रक्रिया
Eligibility:
- आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए।
- किसान पृष्ठभूमि से संबंधित होना अनिवार्य है।
- आय सीमा का कोई प्रावधान नहीं है; सभी आय वर्ग के किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
Application Process:
इस योजना के तहत किसी प्रकार के आवेदन की आवश्यकता नहीं है। सभी नैनो उर्वरक किसानों के लिए उनकी नजदीकी खाद्य केंद्र या उर्वरक दुकानों पर उपलब्ध होंगे। किसान इन्हें सब्सिडी दर पर सीधे खरीद सकते हैं।
Nano Fertilizer Kya Hai?
नैनो उर्वरक छोटे कणों (नैनोपार्टिकल्स) से बने होते हैं, जो तरल रूप में उपलब्ध हैं। ये कण पौधों द्वारा आसानी से अवशोषित किए जा सकते हैं और पारंपरिक खादों की तुलना में अधिक प्रभावी होते हैं।
- एक डिब्बा (500 ग्राम) नैनो डीएपी या यूरिया पारंपरिक 45 किलो बैग जितना पोषण प्रदान करता है।
- इसे पानी में मिलाकर छिड़काव करना आसान होता है, जिससे श्रम और समय दोनों की बचत होती है।
Yojana का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य दो प्रमुख समस्याओं का समाधान करना है:
- मिट्टी की गिरती हुई गुणवत्ता: रासायनिक खादों के अत्यधिक उपयोग से मिट्टी की उर्वरता कम हो रही थी।
- पर्यावरणीय असंतुलन: रासायनिक खादों से मिट्टी, जल और वायु प्रदूषण बढ़ रहा था।
इसके अलावा, सरकार जैविक खेती को बढ़ावा देना चाहती है ताकि भारतीय कृषि क्षेत्र अधिक टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल बने।
सरकार की अन्य पहलें
इस योजना के साथ ही सरकार ने “भारत ऑर्गेनिक गेहूं आटा” भी लॉन्च किया, जिसे नेशनल कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक्स लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया है। यह पहल जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने और किसानों को नए बाजार अवसर प्रदान करने का हिस्सा है।
Important Detail
विषय | विवरण |
योजना का नाम | नैनो उर्वरक सब्सिडी योजना (AGR-2) |
शुरुआत | 6 जुलाई 2024 |
मंत्रालय | केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय |
लाभार्थी | देश के सभी किसान |
आवेदन प्रक्रिया | आवेदन की आवश्यकता नहीं |
आधिकारिक वेबसाइट | जल्द जारी होगी |
हेल्पलाइन नंबर | जल्द जारी होगा |
अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस पर लॉन्च
यह योजना अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस और केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के तीसरे स्थापना दिवस पर लॉन्च की गई। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 2025 को अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित किया गया है, जिससे इस पहल का महत्व और भी बढ़ जाता है। निष्कर्ष:
“नैनो उर्वरक सब्सिडी योजना 2024” भारतीय कृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल किसानों की लागत कम करेगा बल्कि पर्यावरण संरक्षण और मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने में भी मददगार साबित होगा। सरकार का यह प्रयास जैविक खेती और टिकाऊ कृषि प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए एक सराहनीय पहल है।